नई दिल्ली (4 जुलाई 2023) समान नागरिक संहिता के सिखों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर आज सिख संगठनों के द्वारा मीटिंग की गई। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित शिरोमणी अकाली दल, दिल्ली प्रदेश दफ्तर में हुई इस मीटिंग को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और सरदार मनजीत सिंह जीके सहित कई नेताओं ने संबोधित किया। मीटिंग के बाद मीडिया के साथ बातचीत में सरना तथा जीके ने समान नागरिक संहिता का विरोध करते हुए इसे देश को बांटने की कोशिश बताया। उक्त नेताओं ने बताया कि मीटिंग के दौरान 2 प्रस्ताव पारित किए गए है। जिसमें एक प्रस्ताव समान नागरिक संहिता के मसौदे को रद्द करना तथा दुसरा पंजाब सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा में सिख गुरुद्वारा एक्ट में किए गए संशोधन को रद्द करने का प्रस्ताव शामिल था। सरना ने कहा कि बिना कोई मसौदा सामने रखें लॉ कमीशन द्वारा धार्मिक संस्थाओं से समान नागरिक संहिता पर सलाह मांगना बेमानी है। क्योंकि जब तक हमें पता ही नहीं होगा कि हमें साथ क्या ठीक या ग़लत हो रहा हैं, हम सलाह क्या देंगे ?
जीके ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल के बाद भी सिखों का पर्सनल लॉ नहीं है। इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को तुरंत सिख पर्सनल लॉ बनाने के लिए विद्वानों की एक कमेटी बनानी चाहिए। उसके बाद सिख पर्सनल लॉ को लागू करवाने का सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। अभी तक संविधान में हमें हिंदू धर्म का हिस्सा मान कर हमारे पर हिंदू पर्सनल लॉ लागू होते हैं। बेशक सिख दंपति की शादी आंनद मैरिज एक्ट में रजिस्टर्ड हो जाती है, पर तलाक़ हिंदू मैरिज एक्ट में होता है। जबकि हमारे सारे संस्कार अन्य धर्मों से अलग हैं। दोनों नेताओं ने इस संबंधी पुरे देश में सिखों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर मीटिंग करने से पहले दिल्ली में बड़ा सम्मेलन करवाने का ऐलान किया। इस मौके हुई मीटिंग को दिल्ली कमेटी सदस्य करतार सिंह विक्की चावला, परमजीत सिंह राणा, वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल तथा जागो के प्रधान महासचिव डॉ परमिंदर पाल सिंह आदि नेताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर दिल्ली कमेटी सदस्य बलदेव सिंह रानीबाग, कुलतारन सिंह, अमरीक सिंह, सतनाम सिंह, अनूप सिंह घूम्मन आदि मौजूद थे।