सिमरन कनौजिया नई दिल्ली
नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं संबंध चिकित्सा संस्थान में सभी व्यवस्थाएं अभी चरमराई हुई है। नये डायरेक्टर राजेंदर कुमार धमीजा, इहबास को सही से संभाल नही पा रहे । इसका एक मूल कारण यह भी है जॉइंट डायरेक्टर की पोस्ट रिक्त पड़ी है ।उस पर किसी डॉक्टर वीकेएस गौतम को चार्ज दे रखा है, उन्हें कार्य करना नही आ रहा । एक मानसिक हॉस्पिटल में अतिआवश्यक इंजेक्शन तक नही है। वार्डो में मरीजो के लिये नहाने धोने के पानी की सप्लाई पूरी नही है मरीज के साथ-2 कर्मचारी भी परेशान है । कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को अभी तक डीए नही दिया गया है। पूरी दिल्ली में DHHS कार्ड की फेसिलिटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को दे दिया गया है, लेकिन इहबास प्रशासन की ढिलाई से अभी भी कर्मचारी इस लाभ से वंचित है । इहबास की यूनियन कई बार डायरेक्टर को इस रिगर्डिंग रिटेन में दे चुके है । इहबास में आने वाली सड़क जो 1 नंबर गेट से शुरू होती है बुरे हाल में है कई दिखाने आने वाले मरीज कई बार गिरे है । पार्किंग में टोकन व्यवस्था ना होने से आये दिन दुपहिया वाहन चोरी होते रहते है । बहुत सी दवाइयां जो मरीज के लिए आवश्यक है सप्लाई में नही है । लेकिन डायरेक्टर सब को दुहाई देते है कि मै ईमानदारी से काम कर रहा हूँ लेकिन ऐसी ईमानदारी किस काम की जिस में मरीज परेशान हो रहे है और कर्मचारियों को उनके हक का नही दिया जा रहा । ऐसे डायरेक्टर को तुरंत प्रभाव से हटाया जाना चाहिये और किसी अनुभवी व्यक्ति को इस पद पर बिठाना चाहिए जो मानसिक मरीजो कि दिक्कतों को समझे और कर्मचारियों की दिक्कतों को भी समझे ।असिस्टेंट नर्सिंग अधीक्षक अनिल राय को भी दो नर्सिंग ऑफिसर सहायता के लिये दे रखे है सुभाष चंद गुप्ता और रिंकी रानी। ऐसा कही भी दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल में नही है । डायरेक्टर ऒर जॉइंट डायरेक्टर अपने मन से किसी को भी कही भी बिठा रहे है और कुछ कर्मचारियों को इधर से उधर ट्रांसफर कर-2 के परेशान किया जाता है ।
मानव व्यवहार एवं संबंध चिकित्सा संस्थान में अव्यवस्था का आलम