नागु वर्मा उज्जैन
भाटपचलाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में मंगलवार के दिन नियमानुसार जन सुनवाई नहीं हो रही है जब हमारे प्रतिनिधि पंचायतों में पहुंचे तो आलम यह था कि पंचायतों में ताले लटके हुए थे और सचिव सहायक सचिव सरपंच कोई भी मौके पर नहीं मिला। जब हमारी ग्रामीणों से बात हुई तो उनका कहना था कि हमेशा इसी तरह पंचायत बंद रहती है कभी भी जन सुनवाई नहीं होती मंगलवार के दिन अधिकतर पंचायत बंद रहती हैं । पंचायत सचिव से हमारी बात हुई तो उनका कहना था कि शासकीय कार्य से बाहर गए। इसे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं लेकिन जब ग्रामीणों की सुनवाई नहीं होगी तो ग्रामीण जाएंगे किसके पास बड़नगर तहसील की ग्राम पंचायत लिंबाँस, मलोडा, बांदरबेला समेत बड़नगर तहसील की कई पंचायत बंद मिली। यहां तक कि 1:00 बजे का समय होने के बाद भी पंचायतों के ताले तक नहीं खुले थे। अब देखना होगा कि हजारों रुपए शासन से वेतन प्राप्त करने वाले सचिव और सहायक सचिव क्या अपना काम इमानदारी से कर रहे हैं या देखना शासन प्रशासन का काम हे और इन पर किस तरह की कार्रवाई होती है यह तो समय ही बताएगा।
इनका कहना है।
ग्राम पंचायत में सहायक सचिव होगा । मैं कार्य से बड़नगर आया हूं । कोई काम चल रहा होगा, इसलिए पंचायत के ताले बंद है हमेशा जन सुनवाई होती है । (सचिव भंवर सिंह राठौर ग्राम पंचायत मलोड़ा)
आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है, तो उन्हें नोटिस देकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
(जनपद सीईओ बड़नगर जीएस मुजाल्दे)